देशव्यापी लॉकडाउन में अपने समय का सदुपयोग कैसे करें?
मौजूदा हालातों में लोग कहीं न कहीं निराशा और दिशाहीनता से जूझ रहे हैं। उनमें एक नई उम्मीद जगाने की ज़रूरत है जो उन्हें इस निराशा से लड़ने में सक्षम बनाये और खुश रहने की एक वजह दे। इस लेख के ज़रिए हम उन छोटी छोटी आदतों में सुधार लाने की कोशिश कर रहे हैं, जो आपकी दिनचर्या को सुधारने में अहम भूमिका निभाती हैं।
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कोविड-19 के चलते बेरोज़गारी के साथ-साथ लोगों में उदासीनता और निराशा की भी वृद्धि हुई है। हालांकि, एक व्यक्ति के माहौल की वजह से उसकी उदासीनता में वृद्धि फिर भी सामान्य है, परंतु, यदि यही उदासीनता एवं निराशा केवल क्षणिक न रहकर एक अभ्यास का रूप ले लेती है तो यह स्थिति चिंताजनक हो जाती है। इसके अलावा लोग किंकर्तव्यविमूढ़ भी होते जा रहे हैं। जहाँ सभी के लिए प्रतिदिन काम पर जाना एक दिनचर्या थी, वहीं प्रतिदिन घर पर ही रह जाना लोगों पर कहीं न कहीं तो अपना असर दिखा ही रह है। इसी कारण लोग अपने दैनिक अभ्यास से भटकते जा रहे हैं और आलस्य उन्हें अपनी चपेट में धीरे-धीरे लेता चला जा रहा है। फलस्वरूप, लोग सोशल मीडिया का सामान्य से कहीं अधिक इस्तेमाल करने लगे हैं जो अवश्य ही हानिकारक है।
कामकाजी वर्ग के अलावा यह समस्या बच्चों में भी देखी जा रही है। लंबे समय से पनपा आलस्य एवं किंकर्तव्यविमूढ़ता ने बच्चों के मन में निराशा भर दी है और गलत आदतों में वृद्धि भी करवा दी है। इन सब से निजात पाने के लिए हमें सकारात्मकता के साथ-साथ एक प्रोत्साहन की भी आवश्यकता है। चलिए, आज हम ऐसे कई पहलुओं पर प्रकाश डालते हैं ताकि हमें एक दिनचर्या बनाये रखने में प्रोत्साहन मिलता रहे।
सर्वप्रथम, हमें अपने दिन की शुरुआत एक निर्धारित समय पर ही करनी चाहिए, जो एक अभ्यास का रूप ले लेता है। उसी समय पर ही उठने का प्रयत्न करें, जिस समय आप अपने कामकाज एवं कार्यालय के लिए उठा करते थे। अपने सामान्य दैनिक कर्मों को निपटा लें एवं योग व कसरत का अभ्यास करें, जिससे आलस्य हट जाता है और आपके स्वास्थ्य में भी सुधार होता है। इसके पश्चात आप अपने दैनिक दिनचर्या के कामों में लग जाएं। यदि इस समय आपका काम छूट गया है तो घर बैठे किसी वैकल्पिक कार्य को करने की कोशिश करें। विशेषतः घर के काम में अपने परिवार का हाथ बंटाएं, इससे उन्हें भी काफी मदद मिलेगी।
उपरोक्त विचार कामकाजी लोगों एवं बच्चों पर भी लागू होते हैं। इन सबके अलावा आप प्रतिदिन नियमित रूप से एक निश्चित समय पर सोने का भी प्रयास करें, जिससे आपको एक निश्चित समय पर नींद आए और आपकी नींद भी पूरी हो सके। ऐसे अभ्यासों से आपके स्वास्थ्य और रोग प्रतिरोधक क्षमता, दोनों में ही वृद्धि होगी। प्रतिदिन अपने काम के अलावा अपने परिवार को भी भरपूर समय दें, जिससे आपके परिवार में इस संकट के समय में भी घनिष्ठता बनी रहेगी और आपके चारों ओर हँसी-खुशी का माहौल भी बना रहेगा। अतः यह आपके मन में पनपी निराशा और उदासीनता को दूर करने में भी आपकी सहायता करेगा।
आप इस समय अपने उन सम्बन्धियों और मित्रों को भी समय दे सकते हैं जिनकी आप अपने व्यस्त दिनचर्या में खबर नहीं ले पाते थे। इससे आप अपने मन की निराशा को व दूर कर सकते हैं एवं उन्हें भी अकेलेपन से दूर ला सकते हैं। इन सब के अलावा आप अपने आसपास के जरूरतमंद लोगों और पशुओं की भी मदद करें। यह समाज को बदले में कुछ वापस देने का एक बेहतरीन अवसर है। यदि आप लंबे समय से कुछ पढ़ना या सीखना चाहते थे तो यही वह उचित समय है जब आप घर बैठे अपनी कला का विकास कर सकते हैं। यदि आपके कोई लक्ष्य हैं तो उन्हें कार्यान्वित करें और अपने परिवार के महत्वपूर्ण वित्तीय निर्णय ले सकते हैं।
शिवांगी महाराणा